बाहरी चुनौतियों से लड़ो और आंतरिक चुनौतियों को भूल जाओ || आचार्य प्रशांत (2016)
2019-11-28
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ जनवरी २०१६
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
बाहरी चुनौतियों से लड़ो और आंतरिक चुनौतियों को भूल जाओ
सहज स्वीकार मन को क्यों नहीं भाता है?
समर्पण माने क्या हैं?